5 Essential Elements For Shodashi
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सोलह पंखड़ियों के कमल दल पर पद्दासन मुद्रा में बैठी विराजमान षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी मातृ स्वरूपा है तथा सभी पापों और दोषों से मुक्त करती हुई अपने भक्तों तथा साधकों को सोलह कलाओं से पूर्ण करती है, उन्हें पूर्ण सेवा प्रदान करती है। उनके हाथ में माला, अंकुश, धनुष और बाण साधकों को जीवन में सफलता और श्रेष्ठता प्रदान करते हैं। दायें हाथ में अंकुश इस बात को दर्शाता है कि जो व्यक्ति अपने कर्मदोषों से परेशान है, उन सभी कर्मों पर वह पूर्ण नियंत्रण प्राप्त कर उन्नति के पथ पर गतिशील हो और उसे जीवन में श्रेष्ठता, भव्यता, आत्मविश्वास प्राप्त हो। इसके आतिरिक्त शिष्य के जीवन में आने वाली प्रत्येक बाधा, शत्रु, बीमारी, गरीबी, अशक्ता सभी को दूर करने का प्रतीक उनके हाथ में धनुष-बाण है। वास्तव में मां देवी त्रिपुर सुन्दरी साधना पूर्णता प्राप्त करने की साधना है।
वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—
Her illustration is just not static but evolves with inventive and cultural influences, reflecting the dynamic nature of divine expression.
Probably the most revered among the these is definitely the 'Shodashi Mantra', which is stated to grant the two worldly pleasures and spiritual liberation.
केवल आप ही वह महाज्ञानी हैं जो इस सम्बन्ध में मुझे पूर्ण ज्ञान दे सकते है।’ षोडशी महाविद्या
चक्रेऽन्तर्दश-कोणकेऽति-विमले नाम्ना च रक्षा-करे ।
ह्रीङ्काराम्भोजभृङ्गी हयमुखविनुता हानिवृद्ध्यादिहीना
She's depicted by using a golden hue, embodying the radiance from the growing sun, and is frequently portrayed with a third eye, indicating her knowledge and insight.
रविताक्ष्येन्दुकन्दर्पैः शङ्करानलविष्णुभिः ॥३॥
The Tripurasundari temple in Tripura condition, domestically called Matabari temple, was to start with Started by Maharaja Dhanya Manikya in 1501, even though it was possibly a spiritual pilgrimage website For numerous centuries prior. This peetham of energy was at first meant to become a temple for Lord Vishnu, but because of a revelation which the maharaja had inside of a aspiration, He commissioned and installed Mata Tripurasundari in just its chamber.
अकचादिटतोन्नद्धपयशाक्षरवर्गिणीम् ।
शस्त्रैरस्त्र-चयैश्च चाप-निवहैरत्युग्र-तेजो-भरैः ।
, form, in which she sits atop Shivas lap joined in union. Her features are unrestricted, expressed by her five Shivas. The throne on which she sits has as its legs the five forms of Shiva, the famous Pancha Brahmas
The one that does this Sadhana gets to be like Cupid (Shodashi Mahavidya). He is transformed right into a rich, common between Ladies and blessed with son. He gets the more info quality of hypnotism and achieves the self electrical power.